पंजाब में अपने काले शासन की एक भी उपलब्धि बताओ: मुख्यमंत्री की सुखबीर बादल को चुनौती

पंजाब में अपने काले शासन की एक भी उपलब्धि बताओ: मुख्यमंत्री की सुखबीर बादल को चुनौती

Name even one Achievement of your black rule in Punjab

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अकाली दल के 2007-2017 के शासन को सूबे का काला दौर बताया

कहा; मौकापरस्त कांग्रेसी नेता अपने निजी हितों के लिए सत्ता के लिए लड़ रहे हैं

संगरूर में स्कूल ऑफ एमिनेंस और सरकारी नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल जनता को समर्पित किया

वर्ल्ड कैंसर केयर की 12 मोबाइल कैंसर स्क्रीनिंग बसों को दिखाई हरी झंडी

संगरूर, 11 अगस्त: Name even one Achievement of your black rule in Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बादलों पर राज्य को राजनीतिक, आर्थिक और धार्मिक रूप से बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल को राज्य में अपने काले लंबे शासन की एक भी उपलब्धि गिनाने की चुनौती दी।

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल पर तंज कसते हुए कहा कि बादलों ने राज्य और इसके लोगों की परवाह किए बिना सिर्फ अपने कारोबार बढ़ाने के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि 2007-2017 का समय सूबे का सबसे काला दौर था, जब ट्रांसपोर्ट, केबल, रेत, नशा और अन्य माफिया ने राज्य में अपने पैर पसारे। भगवंत सिंह मान ने अकाली नेता को इस दौरान अपनी सरकार की एक भी उपलब्धि बताने की चुनौती दी और कहा कि अकाली शासन में नशा तेजी से फैला।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरे उत्साह के साथ पंजाब और इसके लोगों की सेवा कर रही है और इन नेताओं को अब अपने पापों की कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि अब राज्य के खिलाफ जघन्य अपराधों के जिम्मेदार नेताओं को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है। उन्होंने नाभा जेल में बंद एक बड़े नशा तस्कर का उदाहरण देते हुए कहा कि मौजूदा सरकार जब ऐसे तत्वों के खिलाफ लड़ रही है तो पारंपरिक पार्टियां उन्हें बचाने में जुटी हुई हैं।

नशे के आरोप में नाभा जेल में बंद पूर्व अकाली मंत्री के समर्थन में खड़े पारंपरिक दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि कांग्रेसी नेता चरनजीत सिंह चन्नी, प्रताप सिंह बाजवा, सुखपाल सिंह खैहरा, भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह और रवनीत सिंह बिट्टू खुलकर उसका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पारंपरिक राजनीतिक पार्टियों की मिलीभगत को उजागर करता है और सत्ता में रहते समय वे एक-दूसरे के गलत कामों पर पर्दा डालते हैं। भगवंत सिंह मान ने एक बार फिर उन्हें चुनौती दी कि वे पंजाब के लोगों को स्पष्ट करें कि वे नशा तस्करों के साथ हैं या उनके खिलाफ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं ने धर्म को भी नहीं बख्शा और अपने निजी हितों के लिए धन लूटा। उन्होंने कहा कि सुखबीर को न तो पंजाब की संस्कृति, भूगोल, धर्म का ज्ञान है और न ही बुनियादी पंजाबी भाषा आती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का बेटा सूबे में सत्ता हथियाने के लिए बेताब है। उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि अकाली दल 1920 में बना था और 2019 में समाप्त हो जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कुर्बानियों से भरी समृद्ध विरासत वाला अकाली दल अब नशा तस्करों की पार्टी बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आपसी गुटबाजी की शिकार है, जहां हर नेता भविष्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी पाने के लिए आतुर है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं के पास राज्य के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है, वे सिर्फ सत्ता की लालसा को पूरा करने और किसी भी तरह उसे हासिल करने में लगे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जनता की दौलत लूटने का अनुभव नहीं, बल्कि हमें आम लोगों के दुख-सुख बांटने और उनके मसले हल करने का अनुभव है। उन्होंने कहा कि वे सूबे की भलाई और जनता की खुशहाली के लिए समर्पित भाव से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक नेता इन बातों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे बार-बार हमारे खिलाफ जहर उगल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे घटिया हथकंडे उन्हें राज्य की सेवा करने से नहीं रोक सकते और वे राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए इस नेक काम को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के नेताओं ने कभी भी राज्य या इसके लोगों की परवाह नहीं की और हमेशा अपने परिवार व निजी हितों को प्राथमिकता दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं का रवैया पंजाब और उसके लोगों, दोनों के लिए हानिकारक साबित हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक पार्टियां उनसे इसलिए जलती हैं क्योंकि वे एक साधारण परिवार से आते हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं का मानना था कि उनके पास राज्य पर राज करने का दैवी अधिकार है। इस वजह से वे यह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि एक आम आदमी राज्य को कुशलता से चला रहा है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने लंबे समय तक जनता को बेवकूफ बनाया, लेकिन अब लोग उनके भ्रामक प्रचार में नहीं आ रहे।

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इससे पहले मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी जत्थेदार करतार सिंह दरवेश सीनियर सेकेंडरी स्कूल, संगरूर, जिसे 3.40 करोड़ रुपये की लागत से स्कूल ऑफ एमिनेंस के रूप में अपग्रेड किया गया है, जनता को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि इस स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को सभी जरूरी उपकरण और सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं और स्कूल का कायाकल्प किया गया है, जिसमें ऑडिटोरियम हॉल का निर्माण व मरम्मत, प्रवेश द्वार, मंच, पार्क, शेड, मिड-डे मील रसोई, कार्यशालाएं, प्रयोगशालाएं, पीने के पानी की सुविधा और कक्षाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह स्कूल विश्व प्रसिद्ध है और यहां के छात्र दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने सरकारी नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल, संगरूर भी जनता को समर्पित किया, जिसका निर्माण 7.81 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक नर्सिंग ट्रेनिंग स्कूल में तीन वर्षीय जीएनएम कोर्स कराया जा रहा है और इसे हॉस्टल, आधुनिक प्रयोगशालाएं, मैस, स्मार्ट कक्षाएं, आधुनिक पुस्तकालय, बस सेवा और अन्य सुविधाओं से लैस किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संस्था ग्रामीण इलाकों के छात्रों के लिए वरदान साबित होगी क्योंकि पहले उन्हें नर्सिंग की पढ़ाई के लिए बठिंडा, पटियाला या अन्य दूर-दराज जाना पड़ता था।

मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड कैंसर केयर की 12 मोबाइल कैंसर स्क्रीनिंग बसों को हरी झंडी दिखाई। ये बसें विभिन्न गांवों और कस्बों में कैंप लगाकर लोगों की जांच करेंगी और कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाएंगी। उन्होंने संस्था के चेयरमैन डॉ. कुलवंत सिंह धालीवाल की गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहादत दिवस के मौके पर पंजाब में 350 मुफ्त कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता कैंप लगाने की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन कैंपों में महिलाओं में स्तन कैंसर के लिए मैमोग्राफी, सर्वाइकल कैंसर के लिए पीएपी स्मीयर, पुरुषों के प्रोस्टेट कैंसर के लिए पीएसए टेस्ट, मुंह और गले के कैंसर के लिए ओरल स्क्रीनिंग, बोन डेंसिटी टेस्ट, ब्लड टेस्ट और अन्य आवश्यक जांच मुफ्त की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है क्योंकि कैंसर के खिलाफ अभियान को नए तरीके से शुरू किया गया है, जिसमें आम आदमी को घर-घर कैंसर की जांच और इलाज की सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह खतरा विशेषकर मालवा क्षेत्र के लोगों के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा कि बठिंडा से बीकानेर तक चलने वाली रेलगाड़ी को भी कैंसर एक्सप्रेस कहा जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।